गुरुवार, 15 मई 2014

S. Manmohan Singh Ji.. A great human being, A poor politician

         


        पिछले कुछ समय से बहुत उल्टा-सीधा सुन रहा हु इस महान इंसान के बारे में तो सोचा क्यों न कुछ अपने मन की भी लिखूं ... मेरी आदत सी बन चुकी है की जो मैं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में देखता हूँ उसके उल्ट ही सोचता हूँ.. अपनी खुद की ही राय बनाता हूँ, जो गलत भी हो सकती है लेकिन मुझे हमेशा सही ही लगती है..

         मेरी नज़र में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चाहे कोई भी हो बहुत ही सम्मानीय होते हैं और उनके लिए कुछ भी गलत लिखना या उनपे चुटकले बना के उनकी खिली उड़ाना ऐसा ही है जैसा की हम खुद के घर के बजुर्ग का मज़ाक बना रहें हों..लोग जो चाहे कहते रहें लेकिन मुझे नहीं लगता की सरदार मनमोहन सिंह जी बहुत असफल प्रधानमन्त्री साबित हुए हैं...

          वैश्विक मंदी के दौर में जहाँ USA UK France और रूस जैसे समृद देशों की बहुत सी बिमा कंपनियां और बैंक कंगाल हो कर बंद हो गए वहीँ अपने देश में ऐसा कुछ नहीं हुआ...एक भी बड़ा कॉर्पोरेट बंद नहीं हुआ.. महंगाई जरुर बड़ी लेकिन वैश्विक मंदी में यह स्वाभाविक था.. सड़क परिवहन में बहुत सुधार हुआ है,,, बहुत से एक्सप्रेस वे बने हैं, नई सड़के बनी हैं .. बहुत से नए और आधुनिक रेलवे ट्रैक बने हैं.. बहुत ही जरुरी और सफल 108 एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई जिसका लाभ सभी ले रहे हैं.. और जिसका राजनीतिक लाभ मोदी जी गुजरात में और बादल साहिब पंजाब में उठा रहें हैं अपनी अपनी फोटो उसपे चिपका के.. पिछले दस साल में बैंकिंग, कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिक मीडिया में बहुत आधुनिकता देखि जा सकती है..आतंकवादी घट्नाओं में बेहद कमी आई है.. मतलब बहुत सी उपलब्धियां रहीं हैं इस सरकार की..

         लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की इस कांग्रेस कार्यकाल में बहुत से घोटाले भी सामने आयें हैं.. राष्ट्रमंडल घोटाला, कोयला घोटाला, स्पेक्ट्रम घोटाला, आदर्श घोटाला, इत्यादि इत्यादि... लेकिन एक बात गौर करने लायक भी है की अगर घोटाले हुयें हैं तो उनके पीछे जिनका हाथ था उन्हें तिहाड़ जेल की हवा भी खानी पड़ी है...घोटाले तो हर सरकार में हुयें हैं, लेकिन पकडे कितने गएँ हैं वो हम सभी जानते हैं.... यह भी एक सच हैं की कुछ घोटालो को बिकाऊ मीडिया ने बड़ा चड़ा के दिखाया है.. जिस नुकसान की बात मीडिया स्पेक्ट्रम घोटाले में कर रही है अगर उस रेट पे स्पेक्ट्रम बिक गया होता तो कॉल रेट आज 40-50 पैसे नहीं 2-3 रुपये होती और भूल जाओ की हमारी कामवाली बाई या रिक्शा वाले के पास मोबाइल होता.. ऐसे ही कोयले का आबंटन अगर मीडिया रेट से हो गया तो ईंटो के भाव दोगुने से भी ज्यादा हो जायेंगे... सचाई से हम सभी अंजान हैं...

           हमारे बेहद शांत स. मनमोहन सिंह जी अपनी उपलब्धियां गिना नहीं पाए और गलत लग रहे इल्जामों पे बहस भी नहीं कर पाए और हो गए बदनाम.. अगर कांग्रेस की तरफ से कोई बोला तो वो लोग जिन्हें कब क्या बोलना है इसका पता ही नहीं है.. पवन  सिब्बल, दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं ने अपनी  बेतुकी बयानबाजी से और राहुल गांधी के असमय चुप रहने से कांग्रेस के लिए लोगो के दिलों में जगह बनाये रखना और भी मुश्किल हो गया लेकिन बदनाम हुए हमारे सम्मानीय प्रधनमंत्री जी...

अब जब उनका कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है तो मुझे लगता है उन्हें उनकी बेहद सादगी, शालीन इंसानियत, साफ़ सुथरा और भ्रष्ट रहित राजनीतिक जीवन के लिए याद करना चाहिए.. उन्होंने उच्च अर्थशास्त्री होने का जो नाम पुरे विश्व में कमाया हैं और हमारे देश का नाम ऊँचा किया है, उसके लिए वो हम सभी से सम्मान के हकदार हैं.. चाहे कोई मोदी समर्थक हो यां केजरीवाल समर्थक, सभी को एक अच्छे इंसान होने का परिचय देकर इस महान नेता को एक यादगार विदाई देनी चाहिए.. वो चुटकलों या गालियों के हकदार नहीं हैं... ऐसा करने वालों की विरोधता करनी चाहिए.. उनका अपने प्रधानमंत्री ऑफिस के साधारण अधिकारियों को, दुसरे देशो के नेतायों को शुक्रिया करना और बिना किसी की विरोधता करते हुए अपने कार्यकाल को अंतिम रूप देना भी उनके अच्छे इंसान होने का सबूत देता है.. 

            आप इस सब को कैसे देखते हो कह नहीं सकता, लेकिन मैं इस बेहद शानदार शख्स का दिल से सम्मान करता हूँ और चाहता हूँ की उनका आगे का जीवन बहुत ही खुशनुमा हो..जय हिन्द !!!  :) :) :)