रविवार, 20 मई 2012

कश्मीर धरती पे स्वर्ग?? हाँ बिलकुल हो सकता है...


अभी पिछले दिनों २० अप्रैल २०१२ को इस्लामाबाद के रिहायशी इलाके पे यात्री हवाई जहाज़ गिरने की खबर टीवी पे देखि | देख कर लगा की वहाँ के लोगो को भी उतना ही दर्द होता है जितना हम भारत वासिओं को किसी अपने के जाने का होता है | उस दुर्घटना में 127 लोग मारे गए जिनमे बच्चे, बूड़े, जवान सभी तरह के लोग थे| मरने वाले लोगो के रिश्तेदार एक आम इंसान की तरह ही बिलख रहे थे | मरने वालों में एक नवविवाहित दम्पति भी थी जो हनीमून की यादें संजोय हुए वापिस आ रहे थे | एक आदमी अपने साले की शादी पे जा रहा था | लेकिन नहीं पहुँच पाया |

मेरा सीधा सीधा मतलब यह है की वहाँ और यहाँ की आम जनता में कोई फर्क नहीं है | वो भी अपनी सरकार से दुखी है और हम भी | वो भी आये दिन आतंक की घटनओं से परेशान हैं और हम भी | उनका देश हमारे देश से ज्यादा गरीब है इसलिए वहाँ भ्रष्टाचार करोड़ो में होता है और यहाँ अरबों में | दोनों तरफ भ्रष्टाचार से आम नागरिक बेहद दुखी हैं लेकिन असहाय भी |

वहाँ अगर अफरीदी के शतक पे मिठाई बांटी जाती है तो यहाँ सचिन के शतक पे पटाखे फोड़े जाते है | वहाँ हिंदी गाने सुनने का शौंक रखती है नौजवान पीड़ी तो यहाँ लोग आतिफ असलम याँ फ़तेह अली खान के दीवाने है | अमरीका में अगर उनकी कोई इज्ज़त नहीं तो वहाँ हमारे शाहरुख को भी बहुत जलील किया है अमरीका ने | लोग वहाँ भी विदेश में पड़ना और रहना चाहते है और हमारे लोग भी कुछ इसी तरह का सपना देखते है |

कुछ साल पहले की बात है | उस साल भारतीये क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था | यह वो दौरा था जिसमे सहवाग ने मुल्तान में तिहरा शतक लगाया था | उस पूरी श्रंखला में पाकिस्तान नागरिकों ने भारतीय खिलाडियों और भारतीय नागरिक जो यहाँ से मैच देखने गए थे का तहे दिल स्वागत किया था | मेरे एक मित्र जो वहाँ लाहोर का आखिरी एकदिवसीय मैच देखने गए थे, ने हमें बताया की किस तरह उनका स्वागत हुआ वहाँ | लोगो ने उन्हें सर आँखों पे बिठा के रखा | अपने घरों में खाने की दावत दी | ढेर सारे उपहार दिए | आज भी कभी कभी फोन पे बात करते है वो लोग आपस में |  उनके घर भी हमारे घरों जैसे ही है | उनमे और उनके बच्चो में भी अच्छे संस्कार झलकते हैं|

अगर सब कुछ एक जैसा है तो फिर भी आपस में दुश्मनी क्यों ? एक दूसरे को निचा दिखने के लिए कमजोर दिखने के लिए अरबों रुपयों का खर्चा क्यों ? क्यों अगर पाकिस्तान आस्ट्रलिया से भी हारता है तो हमें खुशी मिलती है ?

क्योंकि लालची, मतलबी और कुर्सी के लिए कुछ भी करने वाले नेता दोनों ही देशों में है | धार्मिक कट्टरता के चलते जिनकी रोटी चलती है और धार्मिक नेता होने का अहंकार पालने वालों की भी दोनों देशों में भरमार है | बेरोज़गार और अनपड़ लोगो की भीड़ दोनों ही तरफ है | अपनी TRP बढानें के लिए किसी भी हद तक गिरने वाले खबरी चैनेल भी दोनों तरफ पैर पसारे हुए है |

सो जब तक दोनों देशों की जनता को यह समझ में नहीं आएगा की इन लोगो से कैसे छुटकारा हो, कुछ नहीं हो सकता | हाँ अगर दोनों मुल्कों की जनता जाग जाती है तो फिर तो क्या ही कहने| चलिए एक और कल्पना करते हैं| मान लीजिए की अगर दोनों देश की जनता अपनी अपनी सरकारों पे दबाव बनाये और एक १५-२० साल की योजना तैयार हो, तो जैसा की हम बचपन से सुनते आये है, कश्मीर सच में स्वर्ग बन सकता है |

योजना बेहद आसान है लेकिन रातो रात बदलाव वाली तो नहीं होगी |कम से कम १५-२० साल तो रखने पड़ेंगे | अगर दोनों देशों की सभी राजनितिक पार्टियां इन दोनों देशों को एक करने को राज़ी हो तो सबसे पहले धार्मिक कट्टर लोगो पे लगाम लगाई जानी चाहिय | किसी भी जगह "जात" "पात" याँ धर्म का उलेख नहीं होना चाहिय | धर्म परिवार याँ बरादरी तक ही सिमित हो | एक दूसरे को निचा दिखाने वाली ख़बरों पे रोक लगे | उग्रवादिओं को मिल कर याँ सुधारा जाये याँ निपटा देना चाहिए | 

जनता का कितना पैसा बचेगा जो जनता की भलाई के लिए लगाया जा सकेगा | पैसा बचेगा जो नए नए उधोग लगाने के काम आएगा| जिससे बेरोज़गारी नहीं रहेगी | बेरोज़गारी नहीं रहेगी तो आतंकवादी कहाँ से पैदा होंगे |  हमारा कश्मीर इतना खुशहाल होगा की हमारे लोगो को विदेश जाकर बेईज्ज़त नहीं होना पड़ेगा | शाहरुख खान को कोई भी शक की निगाह से नहीं देखेगा | और सोचिये युवराज और अफरीदी साथ साथ होंगे तो आस्ट्रलिया की कितनी धज्जियां उड़ायेंगे | खुशहाल कश्मीर घाटी ऐसी होगी की लोग स्विट्जर्लैंड भूल जायेंगे |
मैं जब चाहे लाहोर शोपिंग के लिए जा सकूंगा और मेरा व्यापार कितना फैलेगा |

लेकिन क्या यह संभव है ? नहीं शायद :( क्योंकि जो चाहते है वो बोलेंगे नहीं और जो नहीं चाहते है वो अपनी दुकानदारी क्यों बंद करना चाहेंगे ! वो तो अच्छे से जी ही रहें हैं| उन्हें जनता से क्या लेना देना | अभी मैं भी सोने लगा हूँ कोई और सपना देखूंगा तो जरुर आप सबके बीच रखूँगा | लेकिन फिर भी दिल से एक दुआ करना की यह सपना सच हो जाये | हमारे लिए न सही हमारे बच्चो के खुशहाल भविष्य के लिए ही सही |

शुभ रात्रि.....धन्यवाद




22 टिप्‍पणियां:

  1. धरातल की सच्चाई और भावनाओं की गहराई दोनों ही आपके आलेख में हैं, नवीन जी ..दरअसल ..राजनीतिज्ञों के निहित स्वार्थ ही बाधक हैं ...पर ...मै निराश नहीं हूँ ...मुझे लगता है स्थितिया बदलेंगी और बर्लिन की दीवार गिरने का दृश्य फिर सजीव होगा ...बधाई नवीन जी इस विचारोतेज्जक आलेख के लिए ...

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  2. शुक्रिया भाई...उम्मीद पे दुनिया कायम है....क्या पता कोई चमत्कार हो ही जाये.... :-)

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  3. आपने जो अपने दिल की बात लिखी है, उसके लिए सिर्फ एक ही शब्द है मेरे पास "आमीन"

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  4. शुक्रिया ट्विंकल...."आमीन"

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  5. ये सब अपने अपने नजरिये की बात है...हमें जो स्वर्ग लगता है वहाँ के लोगों को नरक...आपके बहुत खूबसूरती से बहुत ही अच्छा लिखा है...बहुत बहुत बधाई ...

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    1. bohot khub kaha hai apne naveen jiii..... but har koi aisa nahi soch sakta or sach kahu to ye sab humari sarkar ki wajah se hai agar wo chahe to kya nahi ho sakta or inke jhagdo me hum aam janta faste hai marte hai....... bohot dukh hota hai sunkar jab koi kisi country k logo p ungli uthata hai.... waha rehne walo ki kya galti hai wo bhi humari tarah insaan hi to hai......

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  6. naveen bhai..,aap kashmir ki bat kar rahe hai ,in rajnetao ne to puri prithvi ko barud ke dher pe bitha diya hai,itne hathiyar taiyar ho gaye hai ,1-1 vyakti ko 10-10 bar mara ja sakta hai,jis din 1 bhi sirphire rajneta
    ka dimag phira minto me prithvi rakh ka dher ho jayegi itne parmanu bam prithvi ke upar tainat hai,in rajnetao se koi umeed karna b emani hai,
    hindustan me muslim aur hindu ke dango ke karan pak ka janam hua,gandhi ji ne is umeed pe batwara sweekar kiya,ab shanti sthapit ho jayegi,kya hua?
    masalman aapas me ladne lage,hindustan ka hal to aap dekh hi rahe hai....marthi-bihari,100do udaharan hai,janta aapas me hi ladna band kar de...,ye rajneetik partiya kam se kam rajyo se rajyo ko hi ladana band kar de to BHARAT FIR SE SONE KI CHIDIYA BAN JAYEGA,
    NAVEEN JI,aap ki bhavnaye samman yogya hai,
    aatnkvad,naxlite sab inhi ki paidawar hai,ye to apni dukan band karne se rahe.

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    1. behtareen reply Anupam ji...maine tto pehle hi kaha ki sapna hai lekin sach ho jaye tto kya hi kehne...abb aam janta ke paas sapne hi tto hai...shukriya bhai samay nikalne ke liye...

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  7. Naveen Ji......Aap jaisi 'Visualisation' kaash sabke paas hoti.....
    to aaj aapka ye behtareen Sapna....Haqeekat me tabdeel ho chuka hota...

    Tah-e-dil se ek hi awaaz aati hai....."AAMEEN"
    .
    Mukesh Nagpal

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    1. Mukesh bhai subah se hi aapki wait kar raha tha...aapke inhi khubsurat shabdo ko sun-ne ke liye...sabhi ne agar Aameen kaha hai tto kya pata yeh kisi din sambhav ho hi jaye..lekin abhi tto 2012 ke khatam hone ki wait ho rahi hai....hahaha...thanx 4 ur precious comments bhaia...

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  8. विचार तो अच्छा है ,लकिन संभव नहीं है

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  9. dear naveen , maine blogg pahle hi pad liya tha..par pratikriya nahi de paya...aisa hi zazba bana raha to sab sambhav hai...aapke vichar satik aur prenadayi hai...shabdo ka chayan itna touchi hai ki laga mano hamare sath aisa hua ho...badhai...

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    1. अपना कीमती समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद....

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  10. Naveen Dada aapke vichar kalpnik to hote hai laikin unme abhinbta aap ytha nam tatha gun ho "NAVEEN"
    aap ke vichar sarthak hai skaratmak soch hai likin aane wala kal kabhi aaj se behtar nhi apitu badtar hi ho raha hai.....aise bisam pristhitiyon me aapka ye sunder sapna sirf sapna hi bankar rah sakta hai .....laikin fir bhi hame sadiv skaratmk hi sochna chahiye......kunki jo acche log hote hai wo accha hi sochte haoi accha hi karte hai.........shukriya
    Sanjay jain

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    1. शुक्रिया संजय जी......लेकिन अगर इतने लोगो को यह कल्पना अच्छी लगी तो क्या पता किसी दिन यह सच भी हो जाये.... :-)

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  11. bahut kuchh kehti hai apki har lines...magar politics aur diplomacy dono ne milkar awam ko pareshan kar rakha hai...wo aj bhi hindi filmo k deewane hai aur hum gulam ali k..magar sarhado ne sab kuch baant diya hai
    jane kab halaat sudhrenge???

    aapko lekhan k lie badhai.achhi wali line haiजनता का कितना पैसा बचेगा जो जनता की भलाई के लिए लगाया जा सकेगा magar kaashmir wale idea me bahut complication hai..

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    1. Swadha ji complication hi tto hai jo swarthi politicians ne gift ki hai...yeh dur tto sub paas..thik kaha na.. :) aapka shukria dil se..

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  12. वाह नवीन जी... बहुत ही उम्दा लेखन हे आपका... आपकी इस लेखन और चिंतन शक्ति से आज पहली बार परिचित हुआ.... आपने सही कहा कश्मीर धरती पर स्वर्ग बन सकता हे लेकिन.........!!! बस शब्द इस लेकिन पर आकर अक्सर रुक जाते हे.... बहुत लम्बी सूचि हे इस लेकिन के बाद.... खैर सपने में ही सही... आचरण में ही सही... कल्पना में ही सही.... दोनों देशो की आवाम की ख़ुशी कितनी अछि लगती हे न...!!! काश आपके शब्दों को सार्थक किया जा सके..... आमीन...!!

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